Class 10th Hindi स्पर्श भाग 2 CBSE Solution
Exercise- क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक हैं? निम्नलिखित…
- इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं? निम्नलिखित प्रश्नों के…
- कवि ने ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- ‘कवि ने इस कविता में किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है? निम्नलिखित प्रश्नों के…
- इस गीत में ‘सर पर कफन बाँधना’ किस ओर संकेत करता है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया निम्नलिखित का भाव स्पष्ट…
- खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई निम्नलिखित का भाव स्पष्ट…
- छू न पाए सीता का दामन कोई राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों निम्नलिखित का भाव स्पष्ट…
Bhasha Adhyayan
- क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक हैं? निम्नलिखित…
- इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं? निम्नलिखित प्रश्नों के…
- कवि ने ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- ‘कवि ने इस कविता में किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है? निम्नलिखित प्रश्नों के…
- इस गीत में ‘सर पर कफन बाँधना’ किस ओर संकेत करता है? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-…
- साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया निम्नलिखित का भाव स्पष्ट…
- खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई निम्नलिखित का भाव स्पष्ट…
- छू न पाए सीता का दामन कोई राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों निम्नलिखित का भाव स्पष्ट…
Exercise
Question 1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
Answer:यह गीत सन् 1962 के भारत–चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। इस गीत की पृष्ठभूमि ऐतिहासिक है। चीन ने तिब्बत की ओर से 1962 में आक्रमण किया और इस युद्ध में अनेक भारतीय सैनिकों ने भारत चीन-सीमा पर लड़ते-लड़ते अपना अमर बलिदान दिया था। भारतीय वीरों ने इस आक्रमण का मुकाबला वीरता से किया। यह गीत प्रसिद्द शायर कैफ़ी आजमी ने इसी युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखा|
Question 2.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक हैं?
Answer:‘सर हिमालय का हमले न झुकने दिया’ इस पंक्ति में हिमालय भारत के मान-सम्मान का प्रतीक है। 1962 में भारत चीन की लड़ाई हिमालय की घाटियों में लड़ी गई थी। बर्फीली हवाओं के बीच भारतीय सैनिकों ने बहादुरी एवं बलिदान की अनोखी मिसाल कायम की थी। भारतीय सेना ने अपने प्राण गँवाकर देश के मान–सम्मान को सुरक्षित रखा। भारत के सैनिक हर पल देश की रक्षा हेतु बलिदान देने के लिए तत्पर रहते हैं। इस कविता में हिमालय को भारत के मान-सम्मान का प्रतीक माना गया है|
Question 3.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है?
Answer:इस गीत में धरती को दुल्हन की संज्ञा देते हुए सैनिकों और भारत की भूमि को प्रेमी–प्रेमिका के रुप में दर्शाया गया है। सैनिक देश की रक्षा करते हुए मौत को गले लगाकर धरती को ही अपनी दुलहन स्वीकार करते हैं। जिस प्रकार दूल्हा अपनी दुल्हन की सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है उसी प्रकार भारतीय सैनिक भी धरती रूपी दुलहन की सुरक्षा के लिए तथा उसके मान-सम्मान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को उत्सुक रहते है। इस धरती को पाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य होता है जिस प्रकार दूल्हे को दुल्हन सबसे प्रिय होती है ठीक उसी प्रकार इस धरती रुपी दुल्हन पर सैनिक रुपी प्रेमी कभी विपत्ति सहन नहीं कर सकते। वह धरती की मांग अपने लहू से भरते है। इस समानता के कारण भारत की धरती को दुल्हन कहा गया है।
Question 4.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?
Answer:जिन गीतों में भावनात्मकता, मार्मिकता, सच्चाई, संगीतात्मकता, लयबद्धता आदि गुण होते हैं, वे गीत जीवन भर याद रहते हैं। ‘कर चले हम फ़िदा‘ गीत में बलिदान की भावना स्पष्ट रुप से झलकती है, ऐसे गीतों के बोल हृदय को छू जाते है। गीतों के बोल सरल भाषा व प्रभावोत्पाद शैली में होने चाहिए ताकि वह व्यक्ति की जुबान पर आसानी से चढ़ सके। इन सभी विशेषताओं के कारण कुछ गीत लोगों को जीवन भार याद रह जाते हैं| इसी प्रकार से यह गीत ‘कर चले हम फ़िदा’ भी इन्हीं सब विशेषताओं से परिपूर्ण है|
Question 5.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कवि ने ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?
Answer:कवि ने ‘साथियों‘ शब्द का प्रयोग सैनिक साथियों व देशवासियों के लिए किया है। सैनिकों का मानना है कि इस देश की रक्षा हेतु हम बलिदान की राह पर बढ़ रहे हैं। हमारे बाद यह राह सूनी न हो जाए। इसलिए घायल सैनिक अपने साथियों से अपेक्षा कर रहे कि वे उनकी मृत्यु के पश्चात देश की रक्षा कर अपने कर्तव्य का निर्वाह करेंगे और उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे एवं उनके जाने के पश्चात देश के सम्मान को बनाए रखेंगे ।
Question 6.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘कवि ने इस कविता में किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
Answer:‘काफिले’ शब्द का अर्थ है- यात्रियों का समूह। कवि कहना चाह रहे है कि यदि सैनिकों की टोली शहीद हो जाए, तो अन्य सैनिक युद्ध की राह पर बढ़ जाए। घायल सैनिक अपने साथियों से अपेक्षा कर रहे कि वे उनकी मृत्यु के पश्चात देश की रक्षा कर अपने कर्तव्य का निर्वाह करेंगे और उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे एवं इस काफिले को आगे बढ़ाते रहेंगे। यहाँ देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के समूह के लिए ‘काफ़िले‘ शब्द का प्रयोग किया गया है।
Question 7.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
इस गीत में ‘सर पर कफन बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?
Answer:‘सर पर कफन बाँधना‘ का अर्थ है देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहना। उन्हें मौत का भय नहीं होता है। वह देश के मान-सम्मान एवं सुरक्षा की खातिर हर समय मरने-मिटने को तैयार रहता है। वे शत्रुओं का मुकाबला निडरता पूर्वक करते हैं और ऐसा करते वक्त वे अपनी जान देने से भी नहीं डरते, किसी भी प्रकार के हालातों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं| उनके लिए उनके देश से बढ़ कर कुछ भी नहीं है। उनके देश की तरफ कोई भी क्षत्रु अगर आँख उठाकर देखेगा तो सबसे पहले उस शत्रु को देश के वीर सैनिकों का सामना करना पड़ेगा और उनसे निपटना आसान नहीं है क्योंकि वे किसी भी हालात में देश को सुरक्षा करने के लिए तत्पर हैं|
Question 8.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:प्रस्तुत कविता की रचना उर्दू के प्रसिद्ध कवि कैफी आजमी द्वारा की गयी है। यह गीत युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित फ़िल्म हकीकत के लिए लिखा गया था। इस गीत की पृष्ठभूमि ऐतिहासिक है। सन् 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था। इस युद्ध में अनेक भारतीय सैनिकों ने भारत चीन-सीमा पर लड़ते-लड़ते अपना अमर बलिदान दिया था। अपने देश के सम्मान और रक्षा के लिए सैनिक हर चुनौती को स्वीकार करके अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं। अपनी अंतिम साँस तक देश के मान की रक्षा कर उसे शत्रुओं से बचाते हैं। कवि इसमें देशभक्ति को विकसित करके देश को जागरूक करना चाहते है। इस कविता के माध्यम से कवि ने देश की रक्षा में अपना सब कुछ गंवाने वाले वीर शहीदों को भावनाओं को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है|
Question 9.निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
Answer:इन पंक्तियों में कवि कैफ़ी आज़मी ने भारतीय जवानों के साहस और हौंसले की सराहना की है की किस प्रकार अनेक मुश्किलों का सामना करते हुए भी उन्होंने अपनी अंतिम श्वांस तक देश की रक्षा की। चीनी आक्रमण के समय भारतीय जवानों ने हिमालय की बर्फ़ीली चोटियों पर लड़ाई लड़ी। उनकी साँसें भले ही रुकने लगीं तथा भयंकर सर्दी के कारण उनकी नब्ज़ चाहे जमती चली गई किंतु किसी भी परिस्थिति में उनके इरादे डगमगाए नहीं एवं पूरे साहस और जोश के साथ सैनिक लड़ते रहे|
Question 10.निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई
Answer:इन पंक्तियों में कवि ने भारतीय भूमि की तुलना सीता माँ से की है। कवि का भाव है कि भारत भूमि सीता माँ की तरह पवित्र है। अगर कोई शत्रु रावण की तरह भारतीय भूमि की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश करेगा तो वह उसे रोकने के लिए रक्त से लक्ष्मण रेखाएँ अर्थात् लकीरें खींच देंगे लेकिन शत्रु को हमारे देश की सीमा में घुसने का दुस्साहस नहीं करने देंगे।
Question 11.निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
Answer:कवि सैनिकों को कहना चाहता है कि भारत की धरती सीता माँ कि तरह पवित्र है। देश की पवित्रता की रक्षा करना सैनिकों का कर्तव्य है। यहाँ सैनिकों की तुलना राम और लक्ष्मण से की गयी है। अतः राम तथा लक्ष्मण का कर्तव्य था सीता माँ की रक्षा करें उसी प्रकार सैनिकों का कर्तव्य है भारत माँ की रक्षा करना। यह धरती राम और लक्ष्मण जैसे अलौकिक वीरों की धरती है जिनके रहते सीमा के उस पार से कोई शत्रु रूपी रावण देश में प्रवेश कर देश की अस्मिता को लूट नहीं सकता। हम सभी देशवासियों को मिलकर देश की गरिमा को बनाए रखना है अर्थात् देश के मान-सम्मान व उसकी पवित्रता की रक्षा करनी है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
Answer:
यह गीत सन् 1962 के भारत–चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। इस गीत की पृष्ठभूमि ऐतिहासिक है। चीन ने तिब्बत की ओर से 1962 में आक्रमण किया और इस युद्ध में अनेक भारतीय सैनिकों ने भारत चीन-सीमा पर लड़ते-लड़ते अपना अमर बलिदान दिया था। भारतीय वीरों ने इस आक्रमण का मुकाबला वीरता से किया। यह गीत प्रसिद्द शायर कैफ़ी आजमी ने इसी युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखा|
Question 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक हैं?
Answer:
‘सर हिमालय का हमले न झुकने दिया’ इस पंक्ति में हिमालय भारत के मान-सम्मान का प्रतीक है। 1962 में भारत चीन की लड़ाई हिमालय की घाटियों में लड़ी गई थी। बर्फीली हवाओं के बीच भारतीय सैनिकों ने बहादुरी एवं बलिदान की अनोखी मिसाल कायम की थी। भारतीय सेना ने अपने प्राण गँवाकर देश के मान–सम्मान को सुरक्षित रखा। भारत के सैनिक हर पल देश की रक्षा हेतु बलिदान देने के लिए तत्पर रहते हैं। इस कविता में हिमालय को भारत के मान-सम्मान का प्रतीक माना गया है|
Question 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है?
Answer:
इस गीत में धरती को दुल्हन की संज्ञा देते हुए सैनिकों और भारत की भूमि को प्रेमी–प्रेमिका के रुप में दर्शाया गया है। सैनिक देश की रक्षा करते हुए मौत को गले लगाकर धरती को ही अपनी दुलहन स्वीकार करते हैं। जिस प्रकार दूल्हा अपनी दुल्हन की सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है उसी प्रकार भारतीय सैनिक भी धरती रूपी दुलहन की सुरक्षा के लिए तथा उसके मान-सम्मान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को उत्सुक रहते है। इस धरती को पाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य होता है जिस प्रकार दूल्हे को दुल्हन सबसे प्रिय होती है ठीक उसी प्रकार इस धरती रुपी दुल्हन पर सैनिक रुपी प्रेमी कभी विपत्ति सहन नहीं कर सकते। वह धरती की मांग अपने लहू से भरते है। इस समानता के कारण भारत की धरती को दुल्हन कहा गया है।
Question 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?
Answer:
जिन गीतों में भावनात्मकता, मार्मिकता, सच्चाई, संगीतात्मकता, लयबद्धता आदि गुण होते हैं, वे गीत जीवन भर याद रहते हैं। ‘कर चले हम फ़िदा‘ गीत में बलिदान की भावना स्पष्ट रुप से झलकती है, ऐसे गीतों के बोल हृदय को छू जाते है। गीतों के बोल सरल भाषा व प्रभावोत्पाद शैली में होने चाहिए ताकि वह व्यक्ति की जुबान पर आसानी से चढ़ सके। इन सभी विशेषताओं के कारण कुछ गीत लोगों को जीवन भार याद रह जाते हैं| इसी प्रकार से यह गीत ‘कर चले हम फ़िदा’ भी इन्हीं सब विशेषताओं से परिपूर्ण है|
Question 5.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कवि ने ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?
Answer:
कवि ने ‘साथियों‘ शब्द का प्रयोग सैनिक साथियों व देशवासियों के लिए किया है। सैनिकों का मानना है कि इस देश की रक्षा हेतु हम बलिदान की राह पर बढ़ रहे हैं। हमारे बाद यह राह सूनी न हो जाए। इसलिए घायल सैनिक अपने साथियों से अपेक्षा कर रहे कि वे उनकी मृत्यु के पश्चात देश की रक्षा कर अपने कर्तव्य का निर्वाह करेंगे और उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे एवं उनके जाने के पश्चात देश के सम्मान को बनाए रखेंगे ।
Question 6.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘कवि ने इस कविता में किस काफिले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
Answer:
‘काफिले’ शब्द का अर्थ है- यात्रियों का समूह। कवि कहना चाह रहे है कि यदि सैनिकों की टोली शहीद हो जाए, तो अन्य सैनिक युद्ध की राह पर बढ़ जाए। घायल सैनिक अपने साथियों से अपेक्षा कर रहे कि वे उनकी मृत्यु के पश्चात देश की रक्षा कर अपने कर्तव्य का निर्वाह करेंगे और उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे एवं इस काफिले को आगे बढ़ाते रहेंगे। यहाँ देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के समूह के लिए ‘काफ़िले‘ शब्द का प्रयोग किया गया है।
Question 7.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
इस गीत में ‘सर पर कफन बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?
Answer:
‘सर पर कफन बाँधना‘ का अर्थ है देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहना। उन्हें मौत का भय नहीं होता है। वह देश के मान-सम्मान एवं सुरक्षा की खातिर हर समय मरने-मिटने को तैयार रहता है। वे शत्रुओं का मुकाबला निडरता पूर्वक करते हैं और ऐसा करते वक्त वे अपनी जान देने से भी नहीं डरते, किसी भी प्रकार के हालातों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं| उनके लिए उनके देश से बढ़ कर कुछ भी नहीं है। उनके देश की तरफ कोई भी क्षत्रु अगर आँख उठाकर देखेगा तो सबसे पहले उस शत्रु को देश के वीर सैनिकों का सामना करना पड़ेगा और उनसे निपटना आसान नहीं है क्योंकि वे किसी भी हालात में देश को सुरक्षा करने के लिए तत्पर हैं|
Question 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:
प्रस्तुत कविता की रचना उर्दू के प्रसिद्ध कवि कैफी आजमी द्वारा की गयी है। यह गीत युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित फ़िल्म हकीकत के लिए लिखा गया था। इस गीत की पृष्ठभूमि ऐतिहासिक है। सन् 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था। इस युद्ध में अनेक भारतीय सैनिकों ने भारत चीन-सीमा पर लड़ते-लड़ते अपना अमर बलिदान दिया था। अपने देश के सम्मान और रक्षा के लिए सैनिक हर चुनौती को स्वीकार करके अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं। अपनी अंतिम साँस तक देश के मान की रक्षा कर उसे शत्रुओं से बचाते हैं। कवि इसमें देशभक्ति को विकसित करके देश को जागरूक करना चाहते है। इस कविता के माध्यम से कवि ने देश की रक्षा में अपना सब कुछ गंवाने वाले वीर शहीदों को भावनाओं को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है|
Question 9.
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
Answer:
इन पंक्तियों में कवि कैफ़ी आज़मी ने भारतीय जवानों के साहस और हौंसले की सराहना की है की किस प्रकार अनेक मुश्किलों का सामना करते हुए भी उन्होंने अपनी अंतिम श्वांस तक देश की रक्षा की। चीनी आक्रमण के समय भारतीय जवानों ने हिमालय की बर्फ़ीली चोटियों पर लड़ाई लड़ी। उनकी साँसें भले ही रुकने लगीं तथा भयंकर सर्दी के कारण उनकी नब्ज़ चाहे जमती चली गई किंतु किसी भी परिस्थिति में उनके इरादे डगमगाए नहीं एवं पूरे साहस और जोश के साथ सैनिक लड़ते रहे|
Question 10.
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई
Answer:
इन पंक्तियों में कवि ने भारतीय भूमि की तुलना सीता माँ से की है। कवि का भाव है कि भारत भूमि सीता माँ की तरह पवित्र है। अगर कोई शत्रु रावण की तरह भारतीय भूमि की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश करेगा तो वह उसे रोकने के लिए रक्त से लक्ष्मण रेखाएँ अर्थात् लकीरें खींच देंगे लेकिन शत्रु को हमारे देश की सीमा में घुसने का दुस्साहस नहीं करने देंगे।
Question 11.
निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
Answer:
कवि सैनिकों को कहना चाहता है कि भारत की धरती सीता माँ कि तरह पवित्र है। देश की पवित्रता की रक्षा करना सैनिकों का कर्तव्य है। यहाँ सैनिकों की तुलना राम और लक्ष्मण से की गयी है। अतः राम तथा लक्ष्मण का कर्तव्य था सीता माँ की रक्षा करें उसी प्रकार सैनिकों का कर्तव्य है भारत माँ की रक्षा करना। यह धरती राम और लक्ष्मण जैसे अलौकिक वीरों की धरती है जिनके रहते सीमा के उस पार से कोई शत्रु रूपी रावण देश में प्रवेश कर देश की अस्मिता को लूट नहीं सकता। हम सभी देशवासियों को मिलकर देश की गरिमा को बनाए रखना है अर्थात् देश के मान-सम्मान व उसकी पवित्रता की रक्षा करनी है।
Bhasha Adhyayan
Question 1.इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए है। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे
Answer:1- कट गए सर
अर्थ- मृत्यु को प्राप्त होना
वाक्य- भारतीय सैनिकों ने युद्ध के मैदान में शत्रु के सर काट दिए।
2- नब्ज़ जमती गई
अर्थ- नसों में खून जमने लगा
वाक्य- हिमालय की बर्फीली हवाएँ एवं तूफान भी भारतीय सैनिकों के हौंसले को कम नहीं कर पाए उनकी नब्ज़ जमती गई परंतु वे देश की रक्षा के लिए लड़ते रहे।
3- जान देने की रुत
अर्थ- बलिदान देने का उचित अवसर
वाक्य- देश के लिए लड़ाई के मैदान में शहीद होना सैनिकों के लिए जान देने की रुत के समान होता है।
4- हाथ उठने लगे
अर्थ- आक्रमण होना
वाक्य- दुश्मन के हमारे देश की तरफ हाथ उठते ही भारतीय सेना द्वारा काट दिए जाते है।
इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए है। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे
Answer:
1- कट गए सर
अर्थ- मृत्यु को प्राप्त होना
वाक्य- भारतीय सैनिकों ने युद्ध के मैदान में शत्रु के सर काट दिए।
2- नब्ज़ जमती गई
अर्थ- नसों में खून जमने लगा
वाक्य- हिमालय की बर्फीली हवाएँ एवं तूफान भी भारतीय सैनिकों के हौंसले को कम नहीं कर पाए उनकी नब्ज़ जमती गई परंतु वे देश की रक्षा के लिए लड़ते रहे।
3- जान देने की रुत
अर्थ- बलिदान देने का उचित अवसर
वाक्य- देश के लिए लड़ाई के मैदान में शहीद होना सैनिकों के लिए जान देने की रुत के समान होता है।
4- हाथ उठने लगे
अर्थ- आक्रमण होना
वाक्य- दुश्मन के हमारे देश की तरफ हाथ उठते ही भारतीय सेना द्वारा काट दिए जाते है।